जय श्री माता दी 🙏❤️ ‼️🔱༺꧁ #जय_मां_ #महागौरी ꧂༻🔱‼️ दरबार के सभी 🔱🎪 प्रभु भक्तों को दुर्गा अष्टमी की 🔱🎪 हार्दिक शुभकामनाएं🎪🔱 ⚜▬▬▬▬▬▬॥🕉॥▬▬▬▬▬▬⚜ ‼️या देवी सर्वभूतेषु मां महागौरी रूपेण संस्थिता‼️ ‼️नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः‼️ ⚜▬▬▬▬▬▬॥🐯॥▬▬▬▬▬▬⚜ ༺꧁ #ॐ_देवी_ #महागौरी_नमः꧂༻ 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 #काश_हर_सुबह___ #नवरात्र_सी___होती...!! #हर___किसी___की___नज़र___मे___बेटियां #देवी_______सी_______होती...!!! 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 महागौरी पूजा दुर्गा अष्टमी एवम् कन्या पूजन कि ढेरों शुभकामनाएं माता रानी की कृपा आप और आपके परिवार पर हमेशा बनी रहे। 🙏🌺🔱🚩 🌹🙏 #जय_माता_दी 🙏🏻🌹 #राम_नवमी_30_मार्च_2023_को_है:- 🌹🌿🌹🌿🌹🌿🌹🌿🌹🌿🌹🌿🌹 इस साल राम नवमी बहुत खास मानी जा रही है, क्योंकि राम नवमी के दिन कई दुर्लभ योग बन रहे हैं. जानते हैं राम नवमी पर पूजा का मुहूर्त और शुभ योग, उपाय, राम नवमी पर बन रहे हैं 5 अति दुर्लभ योग, जानें...
देश की राजधानी से सटी हरियाणा की सीमाओं पर अब नजारा कुछ बदलता सा नजर आने लगा है। By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब फसली सीजन शुरू होने के चलते अब हरियाणा और पंजाब के किसानों की ट्रॉलियां खेतों में लौटना शुरू हो गई हैं। इसका यह मतलब कतई नहीं है कि धरना खत्म हो चला है। बस फर्क इतना सा है कि पहले ये लोग ट्रॉलियों में तिरपाल वगैरह डालकर बैठे थे, मगर अब इनकी जगह शेड ने ले ली है। अब सोनीपत के कुंडली और बहादुरगढ़ के टीकरी बॉर्डर पर चल रहे धरनों में ट्रॉलियों की जगह लकड़ी और टिन वगैरह की मदद से बने शेड दिखाई देने लग गए हैं।सिंघु या कुंडली बॉर्डर के निकट शनिवार को पंजाब के फतेहगढ़ साहिब जिले के रेली गांव के गुरजीत सिंह हाईवे पर बांस के शेड लगाए जाने के काम की देखरेख कर रहे थे। गुरजीत ने बताया कि फिलहाल सोनीपत से लए गए बांस और अन्य सामान से 120 वर्ग फीट (12 फीट लंबा और 10 फीट चौड़ा) के आकार के शेड का निर्माण किया गया है। इसके बाद इसमें फर्श पर गद्दे डालेंगे, ताकि 10 लोग इन पर आराम से बैठ सकें। इसके अलावा एक कूलर और लाइटिंग की व्यवस्था की जाएगी। इसके पूरा हो जाने पर गांव से आने वाली महिलाएं भी आराम से सो सकेंगी।इसी तरह रोपड़ जिले के बहरामपुर जमींदारा के किसानों ने दो हफ्ते पहले एक शेड बनाया था। इसमें पराली की छत, पर्दे, पौधे और भगत सिंह के चित्र थे। गांव के गुरमीत सिंह ने कहा, 'हमारी दो ट्रॉलियों में से एक फसल की कटाई के लिए वापस चली गई है और बजाय अब बनाए गए ज्यादा आरामदायक हैं। यह ट्रॉलियों के लोहे और तिरपाल की तरह ज्यादा गर्म नहीं होते।'बता दें कि सिर्फ सिंघु बॉर्डर पर ही नहीं, बहादुरगढ़ के टीकरी बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों ने भी शेड बना रखे हैं। मार्च के दूसरे सप्ताह में ही किसानों के लिए भी 140 फीट लंबा और 40 फीट चौड़ा शेड तैयार किया गया था। भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु का शहीदी दिवस लोगों ने इसी के नीचे मनाया।किसान नेता जोगेंद्र नैन ने कहा कि आज 36 बिरादरी का किसान एक हो गया है। यदि पूंजीपतियों को खाद्य सामग्री के भंडारण की छूट मिल गई तो गरीब व मजदूरों को खाने तक के लाले पड़ जाएंगे। किसान नेता बलदेव सिंह ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि धरने में किसान ज्यादा से ज्यादा संख्या में डटे रहें। दिन के साथ-साथ रात के समय भी धरनास्थल पर मौजूद रहें। संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा किसानों की सुविधा का प्रबंध कराया जा रहा है। इसी कड़ी में यह टीन शेड तैयार करवाया गया है। उन्होंने कहा कि धरने को पहले से भी मजबूती से चलाया जाएगा। उनके अनुसार जिस दिन सरकार उनकी बात मान लेगी, वे धरना स्थल से सब कुछ समेटकर वापस चले जाएंगे।
देश की राजधानी से सटी हरियाणा की सीमाओं पर अब नजारा कुछ बदलता सा नजर आने लगा है। By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब फसली सीजन शुरू होने के चलते अब हरियाणा और पंजाब के किसानों की ट्रॉलियां खेतों में लौटना शुरू हो गई हैं। इसका यह मतलब कतई नहीं है कि धरना खत्म हो चला है। बस फर्क इतना सा है कि पहले ये लोग ट्रॉलियों में तिरपाल वगैरह डालकर बैठे थे, मगर अब इनकी जगह शेड ने ले ली है। अब सोनीपत के कुंडली और बहादुरगढ़ के टीकरी बॉर्डर पर चल रहे धरनों में ट्रॉलियों की जगह लकड़ी और टिन वगैरह की मदद से बने शेड दिखाई देने लग गए हैं। सिंघु या कुंडली बॉर्डर के निकट शनिवार को पंजाब के फतेहगढ़ साहिब जिले के रेली गांव के गुरजीत सिंह हाईवे पर बांस के शेड लगाए जाने के काम की देखरेख कर रहे थे। गुरजीत ने बताया कि फिलहाल सोनीपत से लए गए बांस और अन्य सामान से 120 वर्ग फीट (12 फीट लंबा और 10 फीट चौड़ा) के आकार के शेड का निर्माण किया गया है। इसके बाद इसमें फर्श पर गद्दे डालेंगे, ताकि 10 लोग इन पर आराम से बैठ सकें। इसके अलावा एक कूलर और लाइटिंग की व्यवस्था की जाएगी। इसके पूरा हो जाने पर गांव से आने वाल...