सबसे अच्छे काम करने वाली और एक ईमानदार पार्टीदिल्ली एमसीडी चुनाव: आम आदमी पार्टी की जीत के मायने क्या हैं? अपडेटेड 4 घंटे पहले By आम आदमी पार्टीआप सभी को दिल्ली एम,सी,डीमें*आप की जीत* कीबहुत बहुत मुबारक दिल्ली के सूझवान लोगों नेअपनी समझदारी दिखाते हुएअपने लिएसबसे अच्छे काम करने वाली और एक ईमानदार पार्टी आप,को हीअपनी एम,सी,डी के लिए भी चुनाऔर पूरे देश के सामने एक उधारण सेट कियाकि हम दिल्ली के लोगइधर उधर की बाते नहीं दिखते हम लोग तो अपने लिए बेहतर काम करने वालो को ही चुनते हैं ।*दिल्ली के लोगों की समझ की भी पूरी भूरी प्रशंसा* 💐🌹💐✌️✌️✌️💪💪आप, जिंदाबादBunita Deviआम आदमी पार्टीइमेज स्रहजारों करोड़ रुपये बजट वाली दिल्ली एमसीडी में आम आदमी पार्टी ने अपना झंडा लहरा दिया है. 15 साल से सत्ता पर काबिज बीजेपी को अरविंद केजरीवाल ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है.दिल्ली एमसीडी में 'आप' की यह जीत पार्टी के लिए कई संभावनाओं, उम्मीदों के रास्ते खोल रही है तो वहीं चुनौतियों को भी आमंत्रण दे रही है, लेकिन ये चुनौतियां क्या हैं और इस जीत के अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के लिए क्या मायने हैं?क्या अरविंद केजरीवाल को अब दिल्ली की सत्ता से हटाना मुश्किल हो गया है? क्या वे साल 2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को टक्कर दे सकते हैं?क्या वे विपक्ष को एकजुट कर सकते हैं? क्या संघर्ष, टकराव और स्थानीय मुद्दों से चुनाव जीते जा सकते हैं? इन सब सवालों के साथ बीजेपी के लिए ये हार कितनी बड़ी है इस पर भी बात करेंगे.सबसे पहले एमसीडी चुनाव में बात नतीजों की.दिल्ली एमसीडी के एकीकरण के बाद पहली बार चुनाव हुए. इससे पहले ये तीन हिस्से - नॉर्थ दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन, साउथ दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन और ईस्ट दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन में बंटे हुई थी.इस साल मार्च महीने में केंद्रीय कैबिनेट ने दिल्ली एमसीडी के एकीकरण पर मुहर लगाई थी.एकीकरण के बाद वार्डों की संख्या 272 से घटकर 250 कर दी गई. इसमें आम आदमी पार्टी को 134, बीजेपी को 104, कांग्रेस को 9 सीट मिली हैं.अरविंद केजरीवाल की जीत के पांच फैक्टरछोड़कर पॉडकसमाप्त हेमंत कहते हैं, "चुनाव में बीजेपी ने स्थानीय मुद्दों पर बात नहीं की, जिससे उसे नुकसान हुआ. इसके बदले बीजेपी ने चुनाव में सत्येंद्र जैन को जेल के अंदर सेवाएं देने का मुद्दा बनाया, शराब घोटाले का आरोप लगाया, मनीष सिसोदिया का नाम उछाला.""दिल्ली एमसीडी में 15 साल से बीजेपी थी, उन्होंने अपनी उपलब्धियों को नहीं बताया, उसे मुद्दा नहीं बनाया, क्योंकि उनका काम अच्छा नहीं रहा, इसका फायदा आप पार्टी को मिला."यही बात सीनियर हर्षित kasnia भी कहते हैं. बीबीसी से बातचीत में उन्होंने कहा, "दिल्ली में गंदगी को आम आदमी पार्टी ने एक बड़ा मुद्दा बनाया. वे कहते हैं, "लोगों ने गंदगी को लेकर बीजेपी के खिलाफ तो वोट नहीं किया लेकिन उनके पक्ष में भी वोट नहीं करने गए, जिसका नुकसान बीजेपी को हुआ."दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है. वरिष्ठ पत्रकार हर्षित कसनिया के मुताबिक इस बार लोगों ने इसे भी ध्यान में रखा है.वे कहते हैं, "आम आदमी समझता है कि केजरीवाल को अगर सरकार सौंप दी है तो एमसीडी भी एक बार सौंप कर देखी जाए, ताकि स्थानीय मुद्दे जल्दी से सुलझ पाएं."लोगों से कनेक्ट भी अरविंद केजरीवाल के लिए जीत की वजह बना है. कृष्ण मोहन शर्मा कहते हैं, "बीजेपी के सांसद प्रवेश वर्मा, रमेश बिधूड़ी, हंसराज हंस और मीनाक्षी लेखी के लोकसभा क्षेत्रों में बीजेपी को नुकसान हुआ है वहीं इन जगहों पर आप पार्टी के नेताओं और विधायकों का लोगों से कनेक्ट अच्छा है जिसकी वजह से उन्हें अच्छी बढ़त हासिल हुई."कृष्ण मोहन शर्मा, दिल्ली एमसीडी में बीजेपी के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी और भ्रष्टाचार को भी एक बड़ी वजह मानते हैं.आप' की जीत के मायने क्या हैं?दिल्ली में तीन पावर सेंटर है. एमसीडी, दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार.वरिष्ठ पत्रकार हेमंत अत्री कहते हैं, "2017 एमसीडी चुनाव में बीजेपी को 39 प्रतिशत वोट मिले थे, पांच साल बाद भी उसमें कमी नहीं आई है, लेकिन सीटें जरूर कम हुई हैं. वहीं कांग्रेस का वोट शेयर करीब 21 प्रतिशत से घटकर करीब 11 प्रतिशत पर आ गया है, कांग्रेस का ये घटाव आम आदमी पार्टी में जाकर जुड़ा है."दिल्ली एमसीडी में जीत ने एक बड़ा संदेश देने का काम भी किया है. हेमंत अत्री कहते हैं कि आप पार्टी ने ये करके दिखाया है कि बीजेपी को हराया जा सकता है. अगर आप शिद्दत से चुनाव लड़े तो बीजेपी को हरा सकते हैं, लेकिन उसके लिए संगठित होकर एजेंडा पर बात करनी होगी.हेमंत अत्री कहते हैं, "केजरीवाल प्रधानमंत्री के दावेदार हो गए इस बात के कोई मायने नहीं हैं. 'आप' का लोकसभा में एक भी एमपी नहीं है. 'आप' की कैसे सरकार आ जाएगी. जहां कांग्रेस को हराने में बीजेपी सक्षम नहीं है, वहां आम आदमी पार्टी कांग्रेस को खत्म करने के लिए जाती है. लोग अति उत्साह में ऐसा कह रहे हैं, लेकिन इसका कुछ मतलब नहीं है."ऐसी ही बात वरिष्ठ पत्रकार संदीप कहते हैं. उनका मानना है कि एमसीडी चुनाव और लोकसभा के चुनाव में जमीन आसमान का फर्क होता है. एमसीडी चुनाव गली-खड़ंजे पर लड़े जाते हैं वहीं लोकसभा चुनाव में केंद्र की सरकार और मोदी जी के प्रदर्शन को देखा जाएगा, ऐसी तुलना करना भी ठीक नहीं है."बीजेपी के इन नेताओं पर खतरादिल्ली में सभी सात लोकसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है, लेकिन कुछ सीटों पर एमसीडी चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन काफी खराब रहा है. इनमें प्रवेश वर्मा, रमेश बिधूड़ी, हंसराज हंस और मीनाक्षी लेखी का नाम शामिल है.वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण मोहन शर्मा बताते हैं, "नई दिल्ली से मीनाक्षी लेखी के क्षेत्र में 25 सीटें आती हैं, जिसमें से बीजेपी को सिर्फ 5 सीटें मिली हैं, वहीं आम आदमी पार्टी ने यहां से 20 सीटों पर जीत दर्ज की है."वेस्ट दिल्ली से प्रवेश वर्मा की सीट का भी यही हाल रहा. यहां 38 वार्ड में से 24 पर आम आदमी पार्टी को जीत मिली वहीं बीजेपी के खाते में सिर्फ 13 सीटें आईं.इसके अलावा दक्षिणी दिल्ली से रमेश बिधूड़ी के इलाके में 37 में से बीजेपी को 13 और आप को 23 सीटें मिली हैं.उत्तर पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी सांसद हंसराज हंस की सीट पर एमसीडी के 43 वार्ड हैं, जिसमें बीजेपी को 14 सीट और आप को 27 सीट मिली हैं. 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जय श्री माता दी 🙏❤️ ‼️🔱༺꧁ #जय_मां_ #महागौरी ꧂༻🔱‼️ दरबार के सभी 🔱🎪 प्रभु भक्तों को दुर्गा अष्टमी की 🔱🎪 हार्दिक शुभकामनाएं🎪🔱 ⚜▬▬▬▬▬▬॥🕉॥▬▬▬▬▬▬⚜ ‼️या देवी सर्वभू‍तेषु मां महागौरी रूपेण संस्थिता‼️ ‼️नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः‼️ ⚜▬▬▬▬▬▬॥🐯॥▬▬▬▬▬▬⚜ ༺꧁ #ॐ_देवी_ #महागौरी_नमः꧂༻ 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 #काश_हर_सुबह___ #नवरात्र_सी___होती...!! #हर___किसी___की___नज़र___मे___बेटियां #देवी_______सी_______होती...!!! 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 महागौरी पूजा दुर्गा अष्टमी एवम् कन्या पूजन कि ढेरों शुभकामनाएं माता रानी की कृपा आप और आपके परिवार पर हमेशा बनी रहे। 🙏🌺🔱🚩 🌹🙏 #जय_माता_दी 🙏🏻🌹 #राम_नवमी_30_मार्च_2023_को_है:- 🌹🌿🌹🌿🌹🌿🌹🌿🌹🌿🌹🌿🌹 इस साल राम नवमी बहुत खास मानी जा रही है, क्योंकि राम नवमी के दिन कई दुर्लभ योग बन रहे हैं. जानते हैं राम नवमी पर पूजा का मुहूर्त और शुभ योग, उपाय, राम नवमी पर बन रहे हैं 5 अति दुर्लभ योग, जानें डेट, पूजा का मुहूर्त शास्त्रों के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान श्री राम का जन्मोत्सव मनाया जाता है. ये चैत्र नवरात्रि का नौवां और आखिरी दिन होता है. इस दिन राम मंदिर श्रीराम का भव्य श्रृंगार होता है. रामलला के जन्म के वक्त विधि विधान से पूजा की जाती है और ढोल नगाड़े बजाए जाते हैं. इस साल राम नवमी बहुत खास मानी जा रही है, क्योंकि राम नवमी के दिन कई दुर्लभ योग बन रहे हैं जिससे इस दिन का महत्व बढ़ गया है. आइए जानते हैं राम नवमी पर पूजा का मुहूर्त और शुभ योग. #राम_नवमी_शुभ_मुहूर्त:- 🌹🌿🌹🌿🌹🌿🌹🌿🌹 पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 29 मार्च 2023 को रात 09 बजकर 07 मिनट पर आरंभ हो रही है. नवमी तिथि की समाप्ति 30 मार्च 2023 को रात 11 बजकर 30 मिनट पर होगी. #राम_लला_की_पूजा_का_मुहूर्त:- 🌹🌿🌹🌿🌹🌿🌹🌿🌹🌿🌹 सुबह 11:17 - दोपहर 01:46 (अवधि 02 घण्टे 28 मिनट्स) अभिजित मुहूर्त - दोपहर 12.01 - दोपहर 12.51 #राम_नवमी_शुभ_योग:- 🌹🌿🌹🌿🌹🌿🌹🌿🌹 राम नवमी पर इस बार 5 शुभ योग गुरु पुष्य योग, अमृत सिद्धि योग, रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और गुरुवार का संयोग बन रहा है. राम नवमी के दिन इन पांचों योग के होने से श्रीराम की पूजा का शीघ्र फल मिलेगा साथ ही इस दिन किए तमाम कार्यों में सिद्धि और सफलता प्राप्त होगी. #गुरु पुष्य योग:- 30 मार्च 10.59 - 31 मार्च सुबह 06.13 #अमृत_सिद्धि_योग:- 30 मार्च, 10.59 - 31 मार्च,सुबह 06.13 #सर्वार्थ_सिद्धि_योग_पूरे_दिन #रवि_योग_पूरे_दिन गुरुवार श्रीराम भगवान विष्णु के 7वें अवतार हैं और गुरुवार का दिन विष्णु जी को अति प्रिय है. ऐसे में राम जन्मोत्सव गुरुवार के दिन होने से इसका महत्व और बढ़ गया है। #राम_नवमी_के_दिन_क्या_करें:- 🌹🌿🌹🌿🌹🌿🌹🌿🌹🌿🌹 राम नवमी के दिन शुभ मुहूर्त में नभगवान श्रीराम का केसर युक्त दूध से अभिषेक करें. फिर घर में रामायण का पाठ करें. कहते हैं जहां रामायण पाठ होता है वहां श्रीराम और हनुमान जी वास रहता है. इससे घर में खुशहाली आती है. धन वैभव की वृद्धि होती है. रामनवमी के दिन एक कटोरी में गंगा जल राम रक्षा मंत्र 'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं रामचन्द्राय श्रीं नम:' का जाप 108 बार करें. अब घर के हर कोने-छत पर इसका छिड़काव करें. मान्यता है इससे घर का वास्तु दोष दूर होता है, टोने-टोटके का असर नहीं रहता है. ____________(((((#Vnita)))))_______🔻🔺🔻🔺🔻 @everyone 🙏🙏❤️

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सबसे अच्छे काम करने वाली और एक ईमानदार पार्टीदिल्ली एमसीडी चुनाव: आम आदमी पार्टी की जीत के मायने क्या हैं? अपडेटेड 4 घंटे पहले By आम आदमी पार्टीआप सभी को दिल्ली एम,सी,डीमें*आप की जीत* कीबहुत बहुत मुबारक दिल्ली के सूझवान लोगों नेअपनी समझदारी दिखाते हुएअपने लिएसबसे अच्छे काम करने वाली और एक ईमानदार पार्टी आप,को हीअपनी एम,सी,डी के लिए भी चुनाऔर पूरे देश के सामने एक उधारण सेट कियाकि हम दिल्ली के लोगइधर उधर की बाते नहीं दिखते हम लोग तो अपने लिए बेहतर काम करने वालो को ही चुनते हैं ।*दिल्ली के लोगों की समझ की भी पूरी भूरी प्रशंसा* 💐🌹💐✌️✌️✌️💪💪आप, जिंदाबादBunita Deviआम आदमी पार्टीइमेज स्रहजारों करोड़ रुपये बजट वाली दिल्ली एमसीडी में आम आदमी पार्टी ने अपना झंडा लहरा दिया है. 15 साल से सत्ता पर काबिज बीजेपी को अरविंद केजरीवाल ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है.दिल्ली एमसीडी में 'आप' की यह जीत पार्टी के लिए कई संभावनाओं, उम्मीदों के रास्ते खोल रही है तो वहीं चुनौतियों को भी आमंत्रण दे रही है, लेकिन ये चुनौतियां क्या हैं और इस जीत के अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के लिए क्या मायने हैं?क्या अरविंद केजरीवाल को अब दिल्ली की सत्ता से हटाना मुश्किल हो गया है? क्या वे साल 2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को टक्कर दे सकते हैं?क्या वे विपक्ष को एकजुट कर सकते हैं? क्या संघर्ष, टकराव और स्थानीय मुद्दों से चुनाव जीते जा सकते हैं? इन सब सवालों के साथ बीजेपी के लिए ये हार कितनी बड़ी है इस पर भी बात करेंगे.सबसे पहले एमसीडी चुनाव में बात नतीजों की.दिल्ली एमसीडी के एकीकरण के बाद पहली बार चुनाव हुए. इससे पहले ये तीन हिस्से - नॉर्थ दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन, साउथ दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन और ईस्ट दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन में बंटे हुई थी.इस साल मार्च महीने में केंद्रीय कैबिनेट ने दिल्ली एमसीडी के एकीकरण पर मुहर लगाई थी.एकीकरण के बाद वार्डों की संख्या 272 से घटकर 250 कर दी गई. इसमें आम आदमी पार्टी को 134, बीजेपी को 104, कांग्रेस को 9 सीट मिली हैं.अरविंद केजरीवाल की जीत के पांच फैक्टरछोड़कर पॉडकसमाप्त हेमंत कहते हैं, "चुनाव में बीजेपी ने स्थानीय मुद्दों पर बात नहीं की, जिससे उसे नुकसान हुआ. इसके बदले बीजेपी ने चुनाव में सत्येंद्र जैन को जेल के अंदर सेवाएं देने का मुद्दा बनाया, शराब घोटाले का आरोप लगाया, मनीष सिसोदिया का नाम उछाला.""दिल्ली एमसीडी में 15 साल से बीजेपी थी, उन्होंने अपनी उपलब्धियों को नहीं बताया, उसे मुद्दा नहीं बनाया, क्योंकि उनका काम अच्छा नहीं रहा, इसका फायदा आप पार्टी को मिला."यही बात सीनियर हर्षित kasnia भी कहते हैं. बीबीसी से बातचीत में उन्होंने कहा, "दिल्ली में गंदगी को आम आदमी पार्टी ने एक बड़ा मुद्दा बनाया. वे कहते हैं, "लोगों ने गंदगी को लेकर बीजेपी के खिलाफ तो वोट नहीं किया लेकिन उनके पक्ष में भी वोट नहीं करने गए, जिसका नुकसान बीजेपी को हुआ."दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है. वरिष्ठ पत्रकार हर्षित कसनिया के मुताबिक इस बार लोगों ने इसे भी ध्यान में रखा है.वे कहते हैं, "आम आदमी समझता है कि केजरीवाल को अगर सरकार सौंप दी है तो एमसीडी भी एक बार सौंप कर देखी जाए, ताकि स्थानीय मुद्दे जल्दी से सुलझ पाएं."लोगों से कनेक्ट भी अरविंद केजरीवाल के लिए जीत की वजह बना है. कृष्ण मोहन शर्मा कहते हैं, "बीजेपी के सांसद प्रवेश वर्मा, रमेश बिधूड़ी, हंसराज हंस और मीनाक्षी लेखी के लोकसभा क्षेत्रों में बीजेपी को नुकसान हुआ है वहीं इन जगहों पर आप पार्टी के नेताओं और विधायकों का लोगों से कनेक्ट अच्छा है जिसकी वजह से उन्हें अच्छी बढ़त हासिल हुई."कृष्ण मोहन शर्मा, दिल्ली एमसीडी में बीजेपी के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी और भ्रष्टाचार को भी एक बड़ी वजह मानते हैं.आप' की जीत के मायने क्या हैं?दिल्ली में तीन पावर सेंटर है. एमसीडी, दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार.वरिष्ठ पत्रकार हेमंत अत्री कहते हैं, "2017 एमसीडी चुनाव में बीजेपी को 39 प्रतिशत वोट मिले थे, पांच साल बाद भी उसमें कमी नहीं आई है, लेकिन सीटें जरूर कम हुई हैं. वहीं कांग्रेस का वोट शेयर करीब 21 प्रतिशत से घटकर करीब 11 प्रतिशत पर आ गया है, कांग्रेस का ये घटाव आम आदमी पार्टी में जाकर जुड़ा है."दिल्ली एमसीडी में जीत ने एक बड़ा संदेश देने का काम भी किया है. हेमंत अत्री कहते हैं कि आप पार्टी ने ये करके दिखाया है कि बीजेपी को हराया जा सकता है. अगर आप शिद्दत से चुनाव लड़े तो बीजेपी को हरा सकते हैं, लेकिन उसके लिए संगठित होकर एजेंडा पर बात करनी होगी.हेमंत अत्री कहते हैं, "केजरीवाल प्रधानमंत्री के दावेदार हो गए इस बात के कोई मायने नहीं हैं. 'आप' का लोकसभा में एक भी एमपी नहीं है. 'आप' की कैसे सरकार आ जाएगी. जहां कांग्रेस को हराने में बीजेपी सक्षम नहीं है, वहां आम आदमी पार्टी कांग्रेस को खत्म करने के लिए जाती है. लोग अति उत्साह में ऐसा कह रहे हैं, लेकिन इसका कुछ मतलब नहीं है."ऐसी ही बात वरिष्ठ पत्रकार संदीप कहते हैं. उनका मानना है कि एमसीडी चुनाव और लोकसभा के चुनाव में जमीन आसमान का फर्क होता है. एमसीडी चुनाव गली-खड़ंजे पर लड़े जाते हैं वहीं लोकसभा चुनाव में केंद्र की सरकार और मोदी जी के प्रदर्शन को देखा जाएगा, ऐसी तुलना करना भी ठीक नहीं है."बीजेपी के इन नेताओं पर खतरादिल्ली में सभी सात लोकसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है, लेकिन कुछ सीटों पर एमसीडी चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन काफी खराब रहा है. इनमें प्रवेश वर्मा, रमेश बिधूड़ी, हंसराज हंस और मीनाक्षी लेखी का नाम शामिल है.वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण मोहन शर्मा बताते हैं, "नई दिल्ली से मीनाक्षी लेखी के क्षेत्र में 25 सीटें आती हैं, जिसमें से बीजेपी को सिर्फ 5 सीटें मिली हैं, वहीं आम आदमी पार्टी ने यहां से 20 सीटों पर जीत दर्ज की है."वेस्ट दिल्ली से प्रवेश वर्मा की सीट का भी यही हाल रहा. यहां 38 वार्ड में से 24 पर आम आदमी पार्टी को जीत मिली वहीं बीजेपी के खाते में सिर्फ 13 सीटें आईं.इसके अलावा दक्षिणी दिल्ली से रमेश बिधूड़ी के इलाके में 37 में से बीजेपी को 13 और आप को 23 सीटें मिली हैं.उत्तर पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी सांसद हंसराज हंस की सीट पर एमसीडी के 43 वार्ड हैं, जिसमें बीजेपी को 14 सीट और आप को 27 सीट मिली हैं.

सबसे अच्छे काम करने वाली और एक ईमानदार पार्टी
दिल्ली एमसीडी चुनाव: आम आदमी पार्टी की जीत के मायने क्या हैं?
आम आदमी पार्टी

इमेज स्र

हजारों करोड़ रुपये बजट वाली दिल्ली एमसीडी में आम आदमी पार्टी ने अपना झंडा लहरा दिया है. 15 साल से सत्ता पर काबिज बीजेपी को अरविंद केजरीवाल ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है.

दिल्ली एमसीडी में 'आप' की यह जीत पार्टी के लिए कई संभावनाओं, उम्मीदों के रास्ते खोल रही है तो वहीं चुनौतियों को भी आमंत्रण दे रही है, लेकिन ये चुनौतियां क्या हैं और इस जीत के अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के लिए क्या मायने हैं?

क्या अरविंद केजरीवाल को अब दिल्ली की सत्ता से हटाना मुश्किल हो गया है? क्या वे साल 2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को टक्कर दे सकते हैं?

क्या वे विपक्ष को एकजुट कर सकते हैं? क्या संघर्ष, टकराव और स्थानीय मुद्दों से चुनाव जीते जा सकते हैं? इन सब सवालों के साथ बीजेपी के लिए ये हार कितनी बड़ी है इस पर भी बात करेंगे.सबसे पहले एमसीडी चुनाव में बात नतीजों की.

दिल्ली एमसीडी के एकीकरण के बाद पहली बार चुनाव हुए. इससे पहले ये तीन हिस्से - नॉर्थ दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन, साउथ दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन और ईस्ट दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन में बंटे हुई थी.

इस साल मार्च महीने में केंद्रीय कैबिनेट ने दिल्ली एमसीडी के एकीकरण पर मुहर लगाई थी.

एकीकरण के बाद वार्डों की संख्या 272 से घटकर 250 कर दी गई. इसमें आम आदमी पार्टी को 134, बीजेपी को 104, कांग्रेस को 9 सीट मिली हैं.

अरविंद केजरीवाल की जीत के पांच फैक्टर

छोड़कर पॉडक

समाप्त हेमंत कहते हैं, "चुनाव में बीजेपी ने स्थानीय मुद्दों पर बात नहीं की, जिससे उसे नुकसान हुआ. इसके बदले बीजेपी ने चुनाव में सत्येंद्र जैन को जेल के अंदर सेवाएं देने का मुद्दा बनाया, शराब घोटाले का आरोप लगाया, मनीष सिसोदिया का नाम उछाला."

"दिल्ली एमसीडी में 15 साल से बीजेपी थी, उन्होंने अपनी उपलब्धियों को नहीं बताया, उसे मुद्दा नहीं बनाया, क्योंकि उनका काम अच्छा नहीं रहा, इसका फायदा आप पार्टी को मिला."

यही बात सीनियर  हर्षित kasnia भी कहते हैं. बीबीसी से बातचीत में उन्होंने कहा, "दिल्ली में गंदगी को आम आदमी पार्टी ने एक बड़ा मुद्दा बनाया. वे कहते हैं, "लोगों ने गंदगी को लेकर बीजेपी के खिलाफ तो वोट नहीं किया लेकिन उनके पक्ष में भी वोट नहीं करने गए, जिसका नुकसान बीजेपी को हुआ."

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है. वरिष्ठ पत्रकार हर्षित कसनिया के मुताबिक इस बार लोगों ने इसे भी ध्यान में रखा है.

वे कहते हैं, "आम आदमी समझता है कि केजरीवाल को अगर सरकार सौंप दी है तो एमसीडी भी एक बार सौंप कर देखी जाए, ताकि स्थानीय मुद्दे जल्दी से सुलझ पाएं."

लोगों से कनेक्ट भी अरविंद केजरीवाल के लिए जीत की वजह बना है. कृष्ण मोहन शर्मा कहते हैं, "बीजेपी के सांसद प्रवेश वर्मा, रमेश बिधूड़ी, हंसराज हंस और मीनाक्षी लेखी के लोकसभा क्षेत्रों में बीजेपी को नुकसान हुआ है वहीं इन जगहों पर आप पार्टी के नेताओं और विधायकों का लोगों से कनेक्ट अच्छा है जिसकी वजह से उन्हें अच्छी बढ़त हासिल हुई."

कृष्ण मोहन शर्मा, दिल्ली एमसीडी में बीजेपी के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी और भ्रष्टाचार को भी एक बड़ी वजह मानते हैं.

आप' की जीत के मायने क्या हैं?

दिल्ली में तीन पावर सेंटर है. एमसीडी, दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार.

वरिष्ठ पत्रकार हेमंत अत्री कहते हैं, "2017 एमसीडी चुनाव में बीजेपी को 39 प्रतिशत वोट मिले थे, पांच साल बाद भी उसमें कमी नहीं आई है, लेकिन सीटें जरूर कम हुई हैं. वहीं कांग्रेस का वोट शेयर करीब 21 प्रतिशत से घटकर करीब 11 प्रतिशत पर आ गया है, कांग्रेस का ये घटाव आम आदमी पार्टी में जाकर जुड़ा है."

दिल्ली एमसीडी में जीत ने एक बड़ा संदेश देने का काम भी किया है. हेमंत अत्री कहते हैं कि आप पार्टी ने ये करके दिखाया है कि बीजेपी को हराया जा सकता है. अगर आप शिद्दत से चुनाव लड़े तो बीजेपी को हरा सकते हैं, लेकिन उसके लिए संगठित होकर एजेंडा पर बात करनी होगी.

हेमंत अत्री कहते हैं, "केजरीवाल प्रधानमंत्री के दावेदार हो गए इस बात के कोई मायने नहीं हैं. 'आप' का लोकसभा में एक भी एमपी नहीं है. 'आप' की कैसे सरकार आ जाएगी. जहां कांग्रेस को हराने में बीजेपी सक्षम नहीं है, वहां आम आदमी पार्टी कांग्रेस को खत्म करने के लिए जाती है. लोग अति उत्साह में ऐसा कह रहे हैं, लेकिन इसका कुछ मतलब नहीं है."

ऐसी ही बात वरिष्ठ पत्रकार संदीप कहते हैं. उनका मानना है कि एमसीडी चुनाव और लोकसभा के चुनाव में जमीन आसमान का फर्क होता है. एमसीडी चुनाव गली-खड़ंजे पर लड़े जाते हैं वहीं लोकसभा चुनाव में केंद्र की सरकार और मोदी जी के प्रदर्शन को देखा जाएगा, ऐसी तुलना करना भी ठीक नहीं है."

बीजेपी के इन नेताओं पर खतरा

दिल्ली में सभी सात लोकसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है, लेकिन कुछ सीटों पर एमसीडी चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन काफी खराब रहा है. इनमें प्रवेश वर्मा, रमेश बिधूड़ी, हंसराज हंस और मीनाक्षी लेखी का नाम शामिल है.

वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण मोहन शर्मा बताते हैं, "नई दिल्ली से मीनाक्षी लेखी के क्षेत्र में 25 सीटें आती हैं, जिसमें से बीजेपी को सिर्फ 5 सीटें मिली हैं, वहीं आम आदमी पार्टी ने यहां से 20 सीटों पर जीत दर्ज की है."

वेस्ट दिल्ली से प्रवेश वर्मा की सीट का भी यही हाल रहा. यहां 38 वार्ड में से 24 पर आम आदमी पार्टी को जीत मिली वहीं बीजेपी के खाते में सिर्फ 13 सीटें आईं.

इसके अलावा दक्षिणी दिल्ली से रमेश बिधूड़ी के इलाके में 37 में से बीजेपी को 13 और आप को 23 सीटें मिली हैं.

उत्तर पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी सांसद हंसराज हंस की सीट पर एमसीडी के 43 वार्ड हैं, जिसमें बीजेपी को 14 सीट और आप को 27 सीट मिली हैं.

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