आम आदमी पार्टी By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबभारत का एक प्रमुख राजनैतिक दलकिसी अन्य भाषा में पढ़ेंडाउनलोड करेंध्यान रखेंसंपादित करेंआम आदमी पार्टी, संक्षेप में आप, सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल एवं अन्ना हजारे के लोकपाल आंदोलन से जुड़े बहुत से सहयोगियों द्वारा गठित एक भारतीय राजनीतिक दल है। इसके गठन की आधिकारिक घोषणा २६ नवम्बर २०१२ को भारतीय संविधान अधिनियम की ६३ वीं वर्षगाँठ के अवसर पर जंतर मंतर, दिल्ली में की गयी थी।आम आदमी पार्टीLogo_of_AAP_2019.pngनेता अरविंद केजरीवालगठन २६ नवम्बर २०१२मुख्यालय भूतल, ए-११९, कौशाम्बी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (भारत)), ग़ाज़ियाबाद- २०१०१०लोकसभा मे सीटों की संख्या 1 / 543राज्यसभा मे सीटों की संख्या 3 / 245राज्य विधानसभा में सीटों की संख्या 62 / 70दिल्ली विधानसभा19 / 117पंजाब विधानसभाविचारधारा स्वराजविद्यार्थी शाखा छात्र युवा संघर्ष समितिजालस्थल www.aamaadmiparty.orgElection symbolभारत की राजनीतिराजनैतिक दलचुनावसन् २०११ में इंडिया अगेंस्ट करप्शन नामक संगठन ने अन्ना हजारे के नेतृत्व में हुए जन लोकपाल आंदोलन के दौरान भारतीय राजनीतिक दलों द्वारा जनहित की उपेक्षा के खिलाफ़ आवाज़ उठाई। अन्ना भ्रष्टाचार विरोधी जनलोकपाल आंदोलन को राजनीति से अलग रखना चाहते थे, जबकि अरविन्द केजरीवाल और उनके सहयोगियों की यह राय थी कि पार्टी बनाकर चुनाव लड़ा जाये। इसी उद्देश्य के तहत पार्टी पहली बार दिसम्बर २०१३ में दिल्ली विधानसभा चुनाव में झाड़ू चुनाव चिन्ह के साथ चुनावी मैदान में उतरी।पार्टी ने चुनाव में २८ सीटों पर जीत दर्ज की और कांग्रेस के समर्थन से दिल्ली में सरकार बनायी। अरविन्द केजरीवाल ने २८ दिसम्बर २०१३ को दिल्ली के ७वें मुख्य मन्त्री पद की शपथ ली। ४९ दिनों के बाद १४ फ़रवरी २०१४ को विधान सभा द्वारा जन लोकपाल विधेयक प्रस्तुत करने के प्रस्ताव को समर्थन न मिल पाने के कारण अरविंद केजरीवाल की सरकार ने त्यागपत्र दे दिया।इतिहाससंपादित करेंआम आदमी पार्टी की उत्पत्ति सन् 2012 में इण्डिया अगेंस्ट करप्शन द्वारा अन्ना हजारे के नेतृत्व में चलाये गये जन लोकपाल आन्दोलन के समापन के दौरान हुई। जन लोकपाल बनाने के प्रति भारतीय राजनीतिक दलों द्वारा प्रदर्शित उपेक्षापूर्ण रवैये के कारण राजनीतिक विकल्प की तलाश की जाने लगी थी। अन्ना हजारे भ्रष्टाचार विरोधी जनलोकपाल आन्दोलन को राजनीति से अलग रखना चाहते थे जबकि अरविन्द केजरीवाल आन्दोलन का लक्ष्य प्राप्त करने के लिये एक अलग पार्टी बनाकर चुनाव में शामिल होने के पक्षधर थे। उनके विचार से वार्ता के जरिये जन लोकपाल विधेयक बनवाने की कोशिशें व्यर्थ जा रहीं थीं। इण्डिया अगेंस्ट करप्शन द्वारा सामाजिक जुड़ाव सेवाओं पर किये गये सर्वे में राजनीति में शामिल होने के विचार को व्यापक समर्थन मिला।१९ सितम्बर २०१२ को अन्ना और अरविन्द इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि उनके राजनीति में शामिल होने सम्बन्धी मतभेदों का दूर होना मुश्किल है। इसलिये उन्होंने समान लक्ष्यों के बावजूद अपना रास्ता अलग करने का निश्चय किया। जन लोकपाल आन्दोलन से जुड़े मनीष सिसोदिया, प्रशांत भूषण व योगेन्द्र यादव आदि ने अरविन्द केजरीवाल का साथ दिया, जबकि किरण वेदी व सन्तोष हेगड़े आदि कुछ अन्य लोगों ने हजारे से सहमति प्रकट की। केजरीवाल ने २ अक्टूबर २०१२ को राजनीतिक दल बनाने की घोषणा की। इस प्रकार भारतीय संविधान की वर्षगांठ के दिन २६ नवम्वर (२०१२) को औपचारिक रूप से आम आदमी पार्टी का गठन हुआ।[1][2]विचारधारासंपादित करेंपार्टी कहती है कि वह किसी विशेष विचारधारा द्वारा निर्देशित नहीं हैं। उन्होंने व्यवस्था को बदलने के लिये राजनीति में प्रवेश किया है। अरविन्द केजरीवाल के शब्दों में - "हम आम आदमी हैं। अगर वामपंथी विचारधारा में हमारे समाधान मिल जायें तो हम वहाँ से विचार उधार ले लेंगे और अगर दक्षिणपंथी विचारधारा में हमारे समाधान मिल जायें तो हम वहाँ से भी विचार उधार लेने में खुश हैं।नेतृत्वसंपादित करेंनेता पदअरविंद केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक एवं मुख्यमंत्री, दिल्लीमनीष सिसोदिया उपमुख्यमंत्री, दिल्लीसंजय सिंह राज्यसभा सांसदहरपाल सिंह चीमा नेता प्रतिपक्ष, पंजाब विधानसभामुख्यमंत्रीसंपादित करेंमुख्य लेख: दिल्ली के मुख्यमंत्रियों की सूचीक्रम राज्य मुख्यमंत्री कार्यकाल पदावधि विधानसभा१ दिल्ली अरविंद केजरीवाल २८ दिसंबर २०१३ १४ फरवरी २०१४ ४९ दिन पांचवी२ १४ फरवरी २०१५ १५ फरवरी २०२० ५ वर्ष १ दिन छठवीं३ १६ फरवरी २०२० पदस्थ 1 वर्ष, 79 दिन सातवींराज्यसभासंपादित करेंक्रम राज्य सांसद नियुक्ति तिथि निवृत्ति तिथि१ दिल्ली संजय सिंह २८ जनवरी २०१८ २७ जनवरी २०२४२ नारायण दास गुप्ता २८ जनवरी २०१८ २७ जनवरी २०२४३ सुशील कुमार गुप्ता २८ जनवरी २०१८ २७ जनवरी २०२४चुनावी भागीदारीसंपादित करेंलोकसभासंपादित करेंलोकसभा चुनाव वर्ष सीटें लड़ी सीटें जीतीं प्राप्त मत मत % लड़ी सीटों पर मत % राज्य (सीटें) संदर्भसोलहवीं लोकसभा २०१४ ४ पंजाब (४)सत्रहवीं लोकसभा २०१९ ३६ १ पंजाब (१)दिल्ली विधानसभा चुनाव २०१३संपादित करेंमुख्य लेख: दिल्ली राज्य विधानसभा चुनाव, २०१३४ दिसम्बर २०१३ को हुए दिल्ली राज्य विधानसभा चुनाव में पार्टी ने पहला चुनाव लड़ा। उसने पूरी दिल्ली के लिये चुनावी घोषणापत्र तैयार करने के साथ ही प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के लिये अलग-अलग घोषणापत्र तैयार किया।[3]दिल्ली चुनाव के पहले पार्टी को कई विवादों का सामना करना पड़ा। भारत सरकार के गृहमन्त्री, सुशील कुमार शिंदे ने पार्टी के विदेशी दान की जाँच कराने की बात कही। पार्टी ने दान राशि का सम्पूर्ण ब्यौरा पार्टी वेवसाइट पर पहले से ही सार्वजनिक होने की बात कही और अन्य राजनीतिक दलों को भी अपने चन्दे को सार्वजनिक करने की चुनौती दी।दिल्ली विधान सभा चुनाव के कुछ पहले एक मीडिया पोर्टल द्वारा आम आदमी के विधायक पद के उम्मीदवारों का स्टिंग ऑपरेशन सामने आया जिसमें उन पर ग़ैर-ईमानदार होने के आरोप लगाये गये। आम आदमी पार्टी ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर स्टिंग वीडियो में कई महत्वपूर्ण भागों को काट-छाँट कर प्रस्तुत करने का आरोप लगाया और मीडिया पोर्टल के खिलाफ मानहानि की याचिका दायर की।६ दिसम्बर को घोषित हुए परिणाम में ७० सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में पार्टी २८ सीटों पर विजयी रही। ३२ विधान सभा क्षेत्रों की विजेता भारतीय जनता पार्टी के बाद यह दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। अरविन्द केजरीवाल ने सत्तारूढ़ी कांग्रेस पार्टी की निवर्तमान मुख्यमन्त्री शीला दीक्षित (कांग्रेस) को लगभग 25,000 वोटों से पराजित किया।[4] और कांग्रेस केवल ८ सीटों पर सिमट गयी।[5][6][7]दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने भाजपा द्वारा सरकार बनाने से मना करने के बाद आम आदमी पार्टी विधायक दल के नेता अरविन्द केजरीवाल को सरकार बनाने के लिये आमन्त्रित किया। २८ दिसम्बर को कांग्रेस के समर्थन से पार्टी ने दिल्ली में अपनी सरकार बनायी। अरविन्द केजरीवाल सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बने।[8]लोकसभा चुनाव २०१४संपादित करेंक्रम राज्य निर्वाचन क्षेत्र निर्वाचित सांसद टीप१ पंजाब फतेहगढ़ साहिब हरिंदर सिंह खालसा २ फरीदकोट साधु सिंह ३ संगरूर भगवंत मान ४ पटियाला धर्मवीर गांधी पार्टी ने कहा था कि 2014 भारतीय आम चुनाव में 300 सीटों पर चुनाव लड़ने का इरादा रखती है। 432 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का एलान कर चुकी पार्टी[9] की नज़र मुख्यतः हरियाणा, गुजरात, उत्तर प्रदेश सहित शहरी क्षेत्रों में थी, जहाँ पार्टी का समर्थन मुख्य रूप से आधारित है[10]आशा के विपरीत पार्टी का प्रदर्शन फीका रहा तथा पार्टी के सभी प्रमुख नेता चुनाव हार गए। लेकिन एक सुखद आश्चर्य के रूप में पार्टी ने पंजाब में चार सीटों- पटियाला, संगरूर, फरीदकोट तथा फतेहगढ़ साहिब में विजय प्राप्त की।[11][12]लोकसभा चुनाव २०१९संपादित करेंमुख्य लेख: भारतीय आम चुनाव, 2019 और लोकसभा चुनाव २०१९ में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों की सूचीक्रम राज्य निर्वाचन क्षेत्र निर्वाचित सांसद टीप१ पंजाब संगरूर भगवंत मान द्वितीय कार्यकालदिल्ली सरकारसंपादित करेंदिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग के आमंत्रण पर दिल्ली के मतदाताओं से राय लेकर २८ दिसम्बर २०१३ को अरविंद केजरीवाल ने ७ मंत्रियों के साथ दिल्ली के रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वे सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बने।[13] विश्वास मत प्रस्ताव पर कांग्रेस ने इस सरकार का समर्थन किया। सरकार बनाते ही पार्टी ने अपने घोषणा-पत्र के वादे पूरे करने शुरु किए। विशेष सुरक्षा और लाल बत्ती वाली गाड़ी लेने से मना किया। ३१ दिसम्बर को बिजली की कीमतों में अप्रैल तक आधे की छूट देने की घोषणा की। बिजली कंपनियों का सीएजी ऑडिट कराने की व्यवस्था की। बीस किलोलीटर पानी मुप्त देने की घोषणा की। इस सरकार को केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस से अनेक मामलों पर अवरोध का सामना करना पड़ा। बलात्कार एवं अन्य अपराध की घटनाओं पर पुलिस के कुछ अधिकारियों का तबादला करने के प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने गृह मंत्रालय जाकर धरना देने की कोशिश की। इसमें अड़चने डालने पर रेल भवन के पास सड़क से ही केजरीवाल सरकार धरने पर बैठ गई। बाद में उपराज्यपाल के द्वारा पुलिस अधिकारियों को छुट्टी पर भेजने के बाद सरकार वापस काम पर लौटी। खिड़की एक्सटेंसन में कानून मंत्री सोमनाथ भारती की भूमिका भी विवादित रही। फरवरी में अरविन्द केजरीवाल ने अपने निगरानी विभाग को प्राकृतिक गैस का दाम अनियमित रूप से बढ़ाने के लिए मुकेश अंबानी और एम॰ वीरप्पा मोइली सहित कई प्रभावी लोगों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया।[14] केजरीवाल सरकार ने १३ फ़रवरी से विधान सभा सत्र बुलाकर जनलोकपाल और स्वराज्य विधेयक पारित करने की घोषणा की। जन लोकपाल विधेयक प्रस्तुत करने को लेकर उनका गृह मंत्रालय और उपराज्यपाल से टकराव की स्थिति पैदा हो गई। लेफ्टिनेंट राज्यपाल नजीब जंग इसके लिए केंद्र सरकार की मंजूरी को जरूरी बताते रहे जबकि केजरीवाल सरकार विधान सभा के विधेयक पास करने के संवैधानिक अधिकार पर डटी रही। १३ जनवरी के हंगामेदार सत्र के बाद १४ फ़रवरी के सत्र में राज्यपाल ने विधेयक को असंवैधानिक बताने का संदेश विधानसभा अध्यक्ष को भेजा और विधेयक पेश करने से पहले िस संदेश को सूचित करने को लिखा। इस संदेश के बाद कांग्रेस औ्रर भाजपा विधायकों ने विधेयक प्रस्तुत करने का मिलकर विरोध किया। जन लोकपाल पास करना तो दूर उसे प्रस्तुत भी न हो पाने के बाद अरविन्द केजरीवाल ने १४ फ़रवरी को अपनी सरकार से इस्तीफा दे दिया। इस कारण दिल्ली में पहली बार राष्ट्रपति शासन लगा।[15]उल्लेखनीय कार्यसंपादित करेंआम आदमी पार्टी ने सत्ता में आते ही अपने सबसे बड़े वादों को निभाते हुए भ्रष्टाचार पर पर लगाम लगाई. दिल्ली में सभी विभागों से भ्रष्टाचार लगभग 80 फीसदी तक कम हुआ. 50 भ्रष्ट अधिकारी जेल भेजे गए. बिजली के दाम 50 फीसदी घटाए गए जबकि पानी 20,000 लीटर तक मुफ्त किया गया. प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट कोटा ख़त्म किया. सभी सरकारी अस्पतालों में सभी दवाई मुफ्त. तीन पुलों में 350 करोड़ बचाए। २०१६ के अगस्त में पक्षाध्यक्ष श्रीकेजरीवाल ने पोर्न-काण्ड में फसे मन्त्री सन्दीप कुमार को मन्त्रिपद से हटाया। सन्दीप कुमार पर आरोप था कि वो पोर्न के क्षेत्र में सक्रिय थे। अतः उनको ३०/८/२०१६ को मन्त्रिपद से हटाया गया [16] [17]।विवाद एवं आलोचनासंपादित करेंदिल्ली के दो आम आदमी पार्टी (आप) विधायकों , दिल्ली के कर्नल देविंदर सहारवत और असिम अहमद ने ,राजधानी में केजरीवाल सरकार पर खराब प्रशासन का आरोप लगाया और पार्टी के बड़े दावे में फसने से बचने की पंजाब के लोगों को चेतावनी दी।[18]सार्वजनिक परिवहन में सुधार: आम आदमी पार्टी (आप) ने सार्वजनिक परिवहन में काफी सुधार करने का वादा किया था लेकिन केजरीवाल का वितरण डीटीसी के मौजूदा बेड़े में एक भी बस नहीं जोड़ सकी। अंतिम मील कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के वादे को पूरा करने की कोई प्रगति नहीं हुई थी सार्वजनिक क्षेत्रों में वाई-फाई: यह एक ऐसा वादा था जो दिल्ली के लोगों को सबसे अधिक आकर्षित कर रहा था। "हम दिल्ली में पूरी तरह से वाई-फाई उपलब्ध कराएंगे ... वाई-फाई दिल्ली के सार्वजनिक क्षेत्रों में उपलब्ध कराई जाएगी। इंटरनेट और दूरसंचार कंपनियों से संपर्क किया गया है और उनके साथ परामर्श करके एक उच्च स्तरीय व्यवहार्यता अध्ययन किया गया है। " लेकिन दो साल बाद भी, राष्ट्रीय राजधानी अब भी नि: शुल्क वाई-फाई सेवाओं का इंतजार कर रही है। दिल्ली भर में 10-15 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाए गए: यह एक और वादा था, जो आम आदमी पार्टी पूरी करने में नाकाम रही। एएपी के दिल्ली इकाई के संयोजक दिलीप पांडे ने कहा था, राष्ट्रीय राजधानी विभिन्न स्थानों पर सीसीटीवी प्राप्त करेगी, लेकिन दिल्लीवासियों को अभी भी इसके कार्यान्वयन के लिए इंतजार कर रहा है।[19]बाल वनिता महिला आश्रमइन्हें भी देखेंसंपादित करेंभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसभ्रष्टाचार (आचरण)सन्दर्भसंपादित करें↑ 'आम आदमी पार्टी' के राष्ट्रीय संयोजक बने केजरीवाल, नवभारत टाइम्स, २६ नवम्बर २०१२, मूल से 29 नवंबर 2012 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि ११ दिसम्बर २०१३↑ "बीबीसी हिंदी - केजरीवाल ने लांच की आम आदमी पार्टी". मूल से 29 जनवरी 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 दिसंबर 2013.↑ "आम आदमी पार्टी 71 घोषणापत्र बनाएगी". जागरण. 22 सितम्बर 2013. मूल से 12 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 नवंबर 2013. नामालूम प्राचल |accesdate= की उपेक्षा की गयी (|access-date= सुझावित है) (मदद)↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 15 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 दिसंबर 2013.↑ "'आप' की नहीं, आम आदमी की जीत". ज़ी न्यूज़. ८ दिसम्बर २०१३. मूल से 11 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 दिसंबर 2013.नामालूम प्राचल |accesdate= की उपेक्षा की गयी (|access-date= सुझावित है) (मदद)↑ "Delhi polls | BJP ahead, AAP inches to second". मूल से 13 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 दिसंबर 2013.↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 15 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 दिसंबर 2013.↑ "Arvind Kejriwal, as Delhi Chief Minister, to head 'youngest-ever' Cabinet; check them out" [दिल्ली के मुख्य मन्त्री अरविन्द केजरीवाल ने अब तक के सबसे युवा मन्त्रिमण्डल का नेतृत्व सम्हालेंगे]. The Financial Express. 25 दिसम्बर 2013. मूल से 27 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 जनवरी 2014.↑ "प्रत्याशी उतारने में सबसे आगे आप". 10 Apr 2014. मूल से 13 अप्रैल 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 अप्रैल 2014.↑ "300 सीटों पर चुनाव लड़ेगी आप, हरियाणा पर गड़ाई नजरें". 31 दिसम्बर 2013. मूल से 10 जनवरी 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 जनवरी 2014.↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 19 मई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 मई 2014.↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 19 मई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 मई 2014.↑ "Arvind Kejriwal, as Delhi Chief Minister, to head 'youngest-ever' Cabinet; check them out" [दिल्ली के मुख्य मन्त्री अरविन्द केजरीवाल ने अब तक के सबसे युवा मन्त्रिमण्डल का नेतृत्व सम्हालेंगे]. The Financial Express. 25 दिसम्बर 2013. मूल से 27 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 जनवरी 2014.↑ मुहम्मद अली, विशाल कान्त, अशोक स्वोमिया (2014-02-15). "Arvind Kejriwal quits over Jan Lokpal". द हिन्दू. मूल से 16 अक्तूबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 फ़रवरी 2014.↑ "दिल्ली में राष्ट्रपति शासन". बीबीसी हिन्दी. 14 फ़रवरी 2014. मूल से 2 मार्च 2014 को पुरालेखित.↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 1 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 सितंबर 2016.↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 1 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 सितंबर 2016.↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 28 अक्तूबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 अक्तूबर 2017.↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 6 अक्तूबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 अक्तूबर 2017.बाहरी कड़ियाँसंपादित करेंआम आदमी पार्टी (आप) का जालस्थलLast edited 20 days ago by Ts12rAcRELATED PAGESअरविंद केजरीवालभारतीय राजनेताइंडिया अगेंस्ट करप्शनसंजय सिंहभारतीय राजनीतिज्सामग्री Vnita Kasnia Punjab CC BY-SA 3.0 के अधीन है जब तक अलग से उल्लेख ना किया गया हो।गोपनीयता नीति उपयोग की शर्तेंडेस्कटॉप
आम आदमी पार्टी, संक्षेप में आप, सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल एवं अन्ना हजारे के लोकपाल आंदोलन से जुड़े बहुत से सहयोगियों द्वारा गठित एक भारतीय राजनीतिक दल है। इसके गठन की आधिकारिक घोषणा २६ नवम्बर २०१२ को भारतीय संविधान अधिनियम की ६३ वीं वर्षगाँठ के अवसर पर जंतर मंतर, दिल्ली में की गयी थी।
आम आदमी पार्टी | |
---|---|
Logo_of_AAP_2019.png | |
नेता | अरविंद केजरीवाल |
गठन | २६ नवम्बर २०१२ |
मुख्यालय | भूतल, ए-११९, कौशाम्बी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (भारत)), ग़ाज़ियाबाद- २०१०१० |
लोकसभा मे सीटों की संख्या | 1 / 543 |
राज्यसभा मे सीटों की संख्या | 3 / 245 |
राज्य विधानसभा में सीटों की संख्या | 62 / 70 19 / 117 |
विचारधारा | स्वराज |
विद्यार्थी शाखा | छात्र युवा संघर्ष समिति |
जालस्थल | www |
Election symbol | |
भारत की राजनीति राजनैतिक दल चुनाव |
सन् २०११ में इंडिया अगेंस्ट करप्शन नामक संगठन ने अन्ना हजारे के नेतृत्व में हुए जन लोकपाल आंदोलन के दौरान भारतीय राजनीतिक दलों द्वारा जनहित की उपेक्षा के खिलाफ़ आवाज़ उठाई। अन्ना भ्रष्टाचार विरोधी जनलोकपाल आंदोलन को राजनीति से अलग रखना चाहते थे, जबकि अरविन्द केजरीवाल और उनके सहयोगियों की यह राय थी कि पार्टी बनाकर चुनाव लड़ा जाये। इसी उद्देश्य के तहत पार्टी पहली बार दिसम्बर २०१३ में दिल्ली विधानसभा चुनाव में झाड़ू चुनाव चिन्ह के साथ चुनावी मैदान में उतरी।
पार्टी ने चुनाव में २८ सीटों पर जीत दर्ज की और कांग्रेस के समर्थन से दिल्ली में सरकार बनायी। अरविन्द केजरीवाल ने २८ दिसम्बर २०१३ को दिल्ली के ७वें मुख्य मन्त्री पद की शपथ ली। ४९ दिनों के बाद १४ फ़रवरी २०१४ को विधान सभा द्वारा जन लोकपाल विधेयक प्रस्तुत करने के प्रस्ताव को समर्थन न मिल पाने के कारण अरविंद केजरीवाल की सरकार ने त्यागपत्र दे दिया।
इतिहाससंपादित करें
आम आदमी पार्टी की उत्पत्ति सन् 2012 में इण्डिया अगेंस्ट करप्शन द्वारा अन्ना हजारे के नेतृत्व में चलाये गये जन लोकपाल आन्दोलन के समापन के दौरान हुई। जन लोकपाल बनाने के प्रति भारतीय राजनीतिक दलों द्वारा प्रदर्शित उपेक्षापूर्ण रवैये के कारण राजनीतिक विकल्प की तलाश की जाने लगी थी। अन्ना हजारे भ्रष्टाचार विरोधी जनलोकपाल आन्दोलन को राजनीति से अलग रखना चाहते थे जबकि अरविन्द केजरीवाल आन्दोलन का लक्ष्य प्राप्त करने के लिये एक अलग पार्टी बनाकर चुनाव में शामिल होने के पक्षधर थे। उनके विचार से वार्ता के जरिये जन लोकपाल विधेयक बनवाने की कोशिशें व्यर्थ जा रहीं थीं। इण्डिया अगेंस्ट करप्शन द्वारा सामाजिक जुड़ाव सेवाओं पर किये गये सर्वे में राजनीति में शामिल होने के विचार को व्यापक समर्थन मिला।
१९ सितम्बर २०१२ को अन्ना और अरविन्द इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि उनके राजनीति में शामिल होने सम्बन्धी मतभेदों का दूर होना मुश्किल है। इसलिये उन्होंने समान लक्ष्यों के बावजूद अपना रास्ता अलग करने का निश्चय किया। जन लोकपाल आन्दोलन से जुड़े मनीष सिसोदिया, प्रशांत भूषण व योगेन्द्र यादव आदि ने अरविन्द केजरीवाल का साथ दिया, जबकि किरण वेदी व सन्तोष हेगड़े आदि कुछ अन्य लोगों ने हजारे से सहमति प्रकट की। केजरीवाल ने २ अक्टूबर २०१२ को राजनीतिक दल बनाने की घोषणा की। इस प्रकार भारतीय संविधान की वर्षगांठ के दिन २६ नवम्वर (२०१२) को औपचारिक रूप से आम आदमी पार्टी का गठन हुआ।[1][2]
विचारधारासंपादित करें
पार्टी कहती है कि वह किसी विशेष विचारधारा द्वारा निर्देशित नहीं हैं। उन्होंने व्यवस्था को बदलने के लिये राजनीति में प्रवेश किया है। अरविन्द केजरीवाल के शब्दों में - "हम आम आदमी हैं। अगर वामपंथी विचारधारा में हमारे समाधान मिल जायें तो हम वहाँ से विचार उधार ले लेंगे और अगर दक्षिणपंथी विचारधारा में हमारे समाधान मिल जायें तो हम वहाँ से भी विचार उधार लेने में खुश हैं।
नेतृत्वसंपादित करें
नेता | पद |
---|---|
अरविंद केजरीवाल | राष्ट्रीय संयोजक एवं मुख्यमंत्री, दिल्ली |
मनीष सिसोदिया | उपमुख्यमंत्री, दिल्ली |
संजय सिंह | राज्यसभा सांसद |
हरपाल सिंह चीमा | नेता प्रतिपक्ष, पंजाब विधानसभा |
मुख्यमंत्रीसंपादित करें
क्रम | राज्य | मुख्यमंत्री | कार्यकाल | पदावधि | विधानसभा | |
---|---|---|---|---|---|---|
१ | दिल्ली | अरविंद केजरीवाल | २८ दिसंबर २०१३ | १४ फरवरी २०१४ | ४९ दिन | पांचवी |
२ | १४ फरवरी २०१५ | १५ फरवरी २०२० | ५ वर्ष १ दिन | छठवीं | ||
३ | १६ फरवरी २०२० | पदस्थ | 1 वर्ष, 79 दिन | सातवीं |
राज्यसभासंपादित करें
क्रम | राज्य | सांसद | नियुक्ति तिथि | निवृत्ति तिथि |
---|---|---|---|---|
१ | दिल्ली | संजय सिंह | २८ जनवरी २०१८ | २७ जनवरी २०२४ |
२ | नारायण दास गुप्ता | २८ जनवरी २०१८ | २७ जनवरी २०२४ | |
३ | सुशील कुमार गुप्ता | २८ जनवरी २०१८ | २७ जनवरी २०२४ |
चुनावी भागीदारीसंपादित करें
लोकसभासंपादित करें
लोकसभा | चुनाव वर्ष | सीटें लड़ी | सीटें जीतीं | प्राप्त मत | मत % | लड़ी सीटों पर मत % | राज्य (सीटें) | संदर्भ |
---|---|---|---|---|---|---|---|---|
सोलहवीं लोकसभा | २०१४ | ४ | पंजाब (४) | |||||
सत्रहवीं लोकसभा | २०१९ | ३६ | १ | पंजाब (१) |
दिल्ली विधानसभा चुनाव २०१३संपादित करें
४ दिसम्बर २०१३ को हुए दिल्ली राज्य विधानसभा चुनाव में पार्टी ने पहला चुनाव लड़ा। उसने पूरी दिल्ली के लिये चुनावी घोषणापत्र तैयार करने के साथ ही प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के लिये अलग-अलग घोषणापत्र तैयार किया।[3]
दिल्ली चुनाव के पहले पार्टी को कई विवादों का सामना करना पड़ा। भारत सरकार के गृहमन्त्री, सुशील कुमार शिंदे ने पार्टी के विदेशी दान की जाँच कराने की बात कही। पार्टी ने दान राशि का सम्पूर्ण ब्यौरा पार्टी वेवसाइट पर पहले से ही सार्वजनिक होने की बात कही और अन्य राजनीतिक दलों को भी अपने चन्दे को सार्वजनिक करने की चुनौती दी।
दिल्ली विधान सभा चुनाव के कुछ पहले एक मीडिया पोर्टल द्वारा आम आदमी के विधायक पद के उम्मीदवारों का स्टिंग ऑपरेशन सामने आया जिसमें उन पर ग़ैर-ईमानदार होने के आरोप लगाये गये। आम आदमी पार्टी ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर स्टिंग वीडियो में कई महत्वपूर्ण भागों को काट-छाँट कर प्रस्तुत करने का आरोप लगाया और मीडिया पोर्टल के खिलाफ मानहानि की याचिका दायर की।
६ दिसम्बर को घोषित हुए परिणाम में ७० सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में पार्टी २८ सीटों पर विजयी रही। ३२ विधान सभा क्षेत्रों की विजेता भारतीय जनता पार्टी के बाद यह दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। अरविन्द केजरीवाल ने सत्तारूढ़ी कांग्रेस पार्टी की निवर्तमान मुख्यमन्त्री शीला दीक्षित (कांग्रेस) को लगभग 25,000 वोटों से पराजित किया।[4] और कांग्रेस केवल ८ सीटों पर सिमट गयी।[5][6][7]
दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने भाजपा द्वारा सरकार बनाने से मना करने के बाद आम आदमी पार्टी विधायक दल के नेता अरविन्द केजरीवाल को सरकार बनाने के लिये आमन्त्रित किया। २८ दिसम्बर को कांग्रेस के समर्थन से पार्टी ने दिल्ली में अपनी सरकार बनायी। अरविन्द केजरीवाल सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बने।[8]
लोकसभा चुनाव २०१४संपादित करें
क्रम | राज्य | निर्वाचन क्षेत्र | निर्वाचित सांसद | टीप |
---|---|---|---|---|
१ | पंजाब | फतेहगढ़ साहिब | हरिंदर सिंह खालसा | |
२ | फरीदकोट | साधु सिंह | ||
३ | संगरूर | भगवंत मान | ||
४ | पटियाला | धर्मवीर गांधी |
पार्टी ने कहा था कि 2014 भारतीय आम चुनाव में 300 सीटों पर चुनाव लड़ने का इरादा रखती है। 432 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का एलान कर चुकी पार्टी[9] की नज़र मुख्यतः हरियाणा, गुजरात, उत्तर प्रदेश सहित शहरी क्षेत्रों में थी, जहाँ पार्टी का समर्थन मुख्य रूप से आधारित है[10]
आशा के विपरीत पार्टी का प्रदर्शन फीका रहा तथा पार्टी के सभी प्रमुख नेता चुनाव हार गए। लेकिन एक सुखद आश्चर्य के रूप में पार्टी ने पंजाब में चार सीटों- पटियाला, संगरूर, फरीदकोट तथा फतेहगढ़ साहिब में विजय प्राप्त की।[11][12]
लोकसभा चुनाव २०१९संपादित करें
क्रम | राज्य | निर्वाचन क्षेत्र | निर्वाचित सांसद | टीप |
---|---|---|---|---|
१ | पंजाब | संगरूर | भगवंत मान | द्वितीय कार्यकाल |
दिल्ली सरकारसंपादित करें
दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग के आमंत्रण पर दिल्ली के मतदाताओं से राय लेकर २८ दिसम्बर २०१३ को अरविंद केजरीवाल ने ७ मंत्रियों के साथ दिल्ली के रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वे सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बने।[13] विश्वास मत प्रस्ताव पर कांग्रेस ने इस सरकार का समर्थन किया। सरकार बनाते ही पार्टी ने अपने घोषणा-पत्र के वादे पूरे करने शुरु किए। विशेष सुरक्षा और लाल बत्ती वाली गाड़ी लेने से मना किया। ३१ दिसम्बर को बिजली की कीमतों में अप्रैल तक आधे की छूट देने की घोषणा की। बिजली कंपनियों का सीएजी ऑडिट कराने की व्यवस्था की। बीस किलोलीटर पानी मुप्त देने की घोषणा की। इस सरकार को केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस से अनेक मामलों पर अवरोध का सामना करना पड़ा। बलात्कार एवं अन्य अपराध की घटनाओं पर पुलिस के कुछ अधिकारियों का तबादला करने के प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने गृह मंत्रालय जाकर धरना देने की कोशिश की। इसमें अड़चने डालने पर रेल भवन के पास सड़क से ही केजरीवाल सरकार धरने पर बैठ गई। बाद में उपराज्यपाल के द्वारा पुलिस अधिकारियों को छुट्टी पर भेजने के बाद सरकार वापस काम पर लौटी। खिड़की एक्सटेंसन में कानून मंत्री सोमनाथ भारती की भूमिका भी विवादित रही। फरवरी में अरविन्द केजरीवाल ने अपने निगरानी विभाग को प्राकृतिक गैस का दाम अनियमित रूप से बढ़ाने के लिए मुकेश अंबानी और एम॰ वीरप्पा मोइली सहित कई प्रभावी लोगों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया।[14] केजरीवाल सरकार ने १३ फ़रवरी से विधान सभा सत्र बुलाकर जनलोकपाल और स्वराज्य विधेयक पारित करने की घोषणा की। जन लोकपाल विधेयक प्रस्तुत करने को लेकर उनका गृह मंत्रालय और उपराज्यपाल से टकराव की स्थिति पैदा हो गई। लेफ्टिनेंट राज्यपाल नजीब जंग इसके लिए केंद्र सरकार की मंजूरी को जरूरी बताते रहे जबकि केजरीवाल सरकार विधान सभा के विधेयक पास करने के संवैधानिक अधिकार पर डटी रही। १३ जनवरी के हंगामेदार सत्र के बाद १४ फ़रवरी के सत्र में राज्यपाल ने विधेयक को असंवैधानिक बताने का संदेश विधानसभा अध्यक्ष को भेजा और विधेयक पेश करने से पहले िस संदेश को सूचित करने को लिखा। इस संदेश के बाद कांग्रेस औ्रर भाजपा विधायकों ने विधेयक प्रस्तुत करने का मिलकर विरोध किया। जन लोकपाल पास करना तो दूर उसे प्रस्तुत भी न हो पाने के बाद अरविन्द केजरीवाल ने १४ फ़रवरी को अपनी सरकार से इस्तीफा दे दिया। इस कारण दिल्ली में पहली बार राष्ट्रपति शासन लगा।[15]
उल्लेखनीय कार्यसंपादित करें
आम आदमी पार्टी ने सत्ता में आते ही अपने सबसे बड़े वादों को निभाते हुए भ्रष्टाचार पर पर लगाम लगाई. दिल्ली में सभी विभागों से भ्रष्टाचार लगभग 80 फीसदी तक कम हुआ. 50 भ्रष्ट अधिकारी जेल भेजे गए. बिजली के दाम 50 फीसदी घटाए गए जबकि पानी 20,000 लीटर तक मुफ्त किया गया. प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट कोटा ख़त्म किया. सभी सरकारी अस्पतालों में सभी दवाई मुफ्त. तीन पुलों में 350 करोड़ बचाए। २०१६ के अगस्त में पक्षाध्यक्ष श्रीकेजरीवाल ने पोर्न-काण्ड में फसे मन्त्री सन्दीप कुमार को मन्त्रिपद से हटाया। सन्दीप कुमार पर आरोप था कि वो पोर्न के क्षेत्र में सक्रिय थे। अतः उनको ३०/८/२०१६ को मन्त्रिपद से हटाया गया [16] [17]।
विवाद एवं आलोचनासंपादित करें
दिल्ली के दो आम आदमी पार्टी (आप) विधायकों , दिल्ली के कर्नल देविंदर सहारवत और असिम अहमद ने ,राजधानी में केजरीवाल सरकार पर खराब प्रशासन का आरोप लगाया और पार्टी के बड़े दावे में फसने से बचने की पंजाब के लोगों को चेतावनी दी।[18]
सार्वजनिक परिवहन में सुधार: आम आदमी पार्टी (आप) ने सार्वजनिक परिवहन में काफी सुधार करने का वादा किया था लेकिन केजरीवाल का वितरण डीटीसी के मौजूदा बेड़े में एक भी बस नहीं जोड़ सकी। अंतिम मील कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के वादे को पूरा करने की कोई प्रगति नहीं हुई थी सार्वजनिक क्षेत्रों में वाई-फाई: यह एक ऐसा वादा था जो दिल्ली के लोगों को सबसे अधिक आकर्षित कर रहा था। "हम दिल्ली में पूरी तरह से वाई-फाई उपलब्ध कराएंगे ... वाई-फाई दिल्ली के सार्वजनिक क्षेत्रों में उपलब्ध कराई जाएगी। इंटरनेट और दूरसंचार कंपनियों से संपर्क किया गया है और उनके साथ परामर्श करके एक उच्च स्तरीय व्यवहार्यता अध्ययन किया गया है। " लेकिन दो साल बाद भी, राष्ट्रीय राजधानी अब भी नि: शुल्क वाई-फाई सेवाओं का इंतजार कर रही है। दिल्ली भर में 10-15 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाए गए: यह एक और वादा था, जो आम आदमी पार्टी पूरी करने में नाकाम रही। एएपी के दिल्ली इकाई के संयोजक दिलीप पांडे ने कहा था, राष्ट्रीय राजधानी विभिन्न स्थानों पर सीसीटीवी प्राप्त करेगी, लेकिन दिल्लीवासियों को अभी भी इसके कार्यान्वयन के लिए इंतजार कर रहा है।[19]
बाल वनिता महिला आश्रमइन्हें भी देखेंसंपादित करें
सन्दर्भसंपादित करें
- ↑ 'आम आदमी पार्टी' के राष्ट्रीय संयोजक बने केजरीवाल, नवभारत टाइम्स, २६ नवम्बर २०१२, मूल से 29 नवंबर 2012 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि ११ दिसम्बर २०१३
- ↑ "बीबीसी हिंदी - केजरीवाल ने लांच की आम आदमी पार्टी". मूल से 29 जनवरी 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 दिसंबर 2013.
- ↑ "आम आदमी पार्टी 71 घोषणापत्र बनाएगी". जागरण. 22 सितम्बर 2013. मूल से 12 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 नवंबर 2013. नामालूम प्राचल
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सुझावित है) (मदद) - ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 15 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 दिसंबर 2013.
- ↑ "'आप' की नहीं, आम आदमी की जीत". ज़ी न्यूज़. ८ दिसम्बर २०१३. मूल से 11 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 दिसंबर 2013.नामालूम प्राचल
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की उपेक्षा की गयी (|access-date=
सुझावित है) (मदद) - ↑ "Delhi polls | BJP ahead, AAP inches to second". मूल से 13 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 दिसंबर 2013.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 15 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 दिसंबर 2013.
- ↑ "Arvind Kejriwal, as Delhi Chief Minister, to head 'youngest-ever' Cabinet; check them out" [दिल्ली के मुख्य मन्त्री अरविन्द केजरीवाल ने अब तक के सबसे युवा मन्त्रिमण्डल का नेतृत्व सम्हालेंगे]. The Financial Express. 25 दिसम्बर 2013. मूल से 27 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 जनवरी 2014.
- ↑ "प्रत्याशी उतारने में सबसे आगे आप". 10 Apr 2014. मूल से 13 अप्रैल 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 अप्रैल 2014.
- ↑ "300 सीटों पर चुनाव लड़ेगी आप, हरियाणा पर गड़ाई नजरें". 31 दिसम्बर 2013. मूल से 10 जनवरी 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 जनवरी 2014.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 19 मई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 मई 2014.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 19 मई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 मई 2014.
- ↑ "Arvind Kejriwal, as Delhi Chief Minister, to head 'youngest-ever' Cabinet; check them out" [दिल्ली के मुख्य मन्त्री अरविन्द केजरीवाल ने अब तक के सबसे युवा मन्त्रिमण्डल का नेतृत्व सम्हालेंगे]. The Financial Express. 25 दिसम्बर 2013. मूल से 27 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 जनवरी 2014.
- ↑ मुहम्मद अली, विशाल कान्त, अशोक स्वोमिया (2014-02-15). "Arvind Kejriwal quits over Jan Lokpal". द हिन्दू. मूल से 16 अक्तूबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 फ़रवरी 2014.
- ↑ "दिल्ली में राष्ट्रपति शासन". बीबीसी हिन्दी. 14 फ़रवरी 2014. मूल से 2 मार्च 2014 को पुरालेखित.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 1 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 सितंबर 2016.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 1 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 सितंबर 2016.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 28 अक्तूबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 अक्तूबर 2017.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 6 अक्तूबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 अक्तूबर 2017.
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